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एंटीर्ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर बैगन की दो किस्में तैयार

Posted at: Jan 12 2020 2:03PM
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नई दिल्ली। कृषि वैज्ञानिकों ने बैगन की दो ऐसी किस्में विकसित की है जो उच्च पोषक तत्वों के साथ ही एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर है और यह परम्परागत किस्मों की तुलना में ज्यादा पैदावार देती है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने हाल में पूसा सफेद बैगन 1 और पूसा हरा बैगन 1 किस्मों का विकास किया है जो एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर है । ये किस्में परम्परागत किस्मों की तुलना में जल्दी फूलने फलने लगती है और भरपूर पैदावार भी देती हैं।
इसमें उच्च आरगेनिक कम्पाउंड फेनाल भी पाया जाता है। हमारे शरीर में होने वाली अधिकांश क्रियाओं में ऑक्सीकरण प्रक्रिया चलती  है। इस प्रक्रिया में हमारे शरीर में फ्री रेडिकल्स (बैक्टीरिया) पनपने  लगते हैं। ये बैक्टीरिया  शरीर में कोशिका निर्माण और कोशिकाओं की  संख्या में वृद्धि करने में सहायक होते हैं लेकिन कुछ बैक्टीरिया ही कोशिका निर्माण और वृद्धि में सहायक होते हैं।
यदि इनकी संख्या अधिक हो जाए, तो ये हमारे शरीर की कोशिकाओं को नष्ट  करने लगते हैं जिससे हमारी कार्य क्षमता कम होने लगती है और कई बीमारियाँ  हमारे शरीर में धीरे-धीरे अपना स्थान बना लेती है। एंटीऑक्सीडेंट इन  अतिरिक्त बैक्टीरिया को नष्ट कर हमारे शरीर को रोगमुक्त और स्फूर्तिवान  बनाए रखने में मदद करता है। एंटीऑक्सीडेंट हमारे शरीर को बायोकेमिकल्स के दुष्प्रभाव से बचाए रखते हैं। ये हमारे शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या में वृद्धि कर इम्युनिटी को मजबूत बनाते हैं।
एंटीऑक्सीडेंट त्वचा को धूप और सूर्य की हानिकारक किरणों से बचाए रखने के लिए अत्यधिक ऑक्सीजन के अवशोषण में मददगार है। पूसा सफेद बैगन 1 आकर्षक सफेद रंग का और अंडे के आकार का होता है जिसकी खेती उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्रों में खरीफ के दौरान की जा सकती है। इसके अलावा जिन हिस्सों में बैगन की खेती की जाती है उन स्थानों में भी इसकी पैदावार ली जा सकती है । यह जल्दी तैयार होने वाली किस्म है जो पौधा लगाने के 50 से 55 दिनों में फलने लगती है।
इसके पौधे मध्यम ऊंचाई के और सघन शाखाओं वाले होते हैं। इसके एक बैगन का वजन 50 से 60 ग्राम होता है और ये गुच्छों में फलते हैं। एक हेक्टेयर में पूसा सफेद बैगन की पैदावार 35 टन तक होती है। एक हेक्टेयर में बैगन के पौधे लगाने के लिए 250 ग्राम बीज की जरुरत होती है जिसे पौधाशाला में लगाया जाता है। पूसा हरा बैगन 1 उच्च आक्सीडेंट गुणों से भरपूर है और इसे खरीफ के दौरान उत्तर भारत में लगाया जा सकता है। इस किस्म के बैगन गोल और हरे रंग का होता है जो देखने बेहद आकर्षक होता है।
पौधा लगाये जाने के 40 दिनों के बाद इसमें फूल निकलने लगते हैं तथा 55 से 60 दिनों में इसके फल तोड़ने के लिए तैयार हो जाते हैं। इस किस्म की पैदावार प्रति हेक्टेयर 40 से 45 टन तक ली जा सकती है । इसके एक फल का वजन 210 से 220 ग्राम तक होता है । अधिकांश किस्म की बैगन की पैदावार प्रति हेक्टेयर 25 से 30 टन तक होती है ।