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मर्दों से ज्‍यादा अविवाहित महिलाएं करती है कंडोम का इस्‍तेमाल

Posted at: Feb 15 2018 1:08PM
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भारत में पिछले कुछ सालों में अविवाहित महिलाएं जहां सेक्‍सुअल रिलेशन में एक्टिव हुई है, वहीं सुरक्षित सेक्‍स के लिए कंडोम का इस्‍तेमाल विवाहित पुरुषों से भी ज्‍यादा करती है। ये हम नहीं स्वास्थ्य मंत्रालय के नेशनल फेमिली हेल्थ सर्वे (2015-16) के आंकड़े बताते है कि पिछले एक दशक में बिना शादी के महिलाओं के सेक्स के दौरान कंडोम यूज करने के मामले में 6 गुना बढ़ोतरी हुई है। यहीं नहीं इस सर्वे में ऐसी कई बातें सामने आई जो बताती है कि महिलाएं सेक्‍सुअल रिलेशन के साथ ही सेफ सेक्‍स के प्रति भी अवेयर हुई हैं।
महिलाएं ज्‍यादा हुई हैं एक्टिव 
10 साल में ऐसी महिलाओं में कंडोम यूज करने आंकड़ा 2 फीसदी से बढ़कर 12 फीसदी हो गया है। 15 से 49 साल की अविवाहित महिलाओं के बीच सर्वे से ये बात सामने आई, 34 प्रतिशत अविवाहित महिला सेफ सेक्‍स के लिए कंडोम का इस्‍तेमाल करना पसंद करती है। हालांकि, सबसे अधिक कंडोम का यूज 20 से 24 साल की महिलाओं के बीच ही हुआ। 
कंडोम को भरोसेदार मानते...
इस सर्वे में 61 प्रतिशत पुरुष कंडोम को भरोसेदार मानते है, और पुरुषों को तर्क है कि यौन संचारित रोगों से बचाव के साथ कंडोम से अनचाही प्रेग्नेंसी से सुरक्षा प्रदान करता है। सर्वे में यह बात भी सामने आई है कि 8 में से 3 पुरुष ये मानते हैं कि कॉन्ट्रासेप्शन का परवाह करना महिलाओं का काम है, पुरुषों को इसके लिए चिंता नहीं करनी चाहिए। 
10 फीसदी इस्‍तेमाल करती है... 
सर्वे में यह भी सामने आया है कि 99 फीसदी शादीशुदा पुरुष और औरत कम से कम एक कॉन्ट्रासेप्टिव मेथड के बारे में जानते हैं। शादीशुदा महिलाओं में कॉन्ट्रासेप्टिव यूज करने का आंकड़ा 54 फीसदी ही है। 15 से 49 साल की शादीशुदा महिलाओं में सिर्फ 10 फीसदी ही मॉडर्न कॉन्ट्रासेप्टिव मेथड का इस्तेमाल करते हैं। 
नसबंदी आज भी पॉपुलर 
अविवाहित महिलाओं में मॉडर्न कॉन्ट्रासेप्टिव मेथड यूज करने का आंकड़ा अधिक है, वहीं 25 से 49 साल की महिलाओं में नसबंदी के जरिए प्रेग्नेंसी रोकने के उपाय करने के आंकड़े अधिक हैं। 
एक फीसदी महिलाएं.. 
सर्वे में यह बात भी सामने आई है कि इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स का इस्तेमाल करने वाली महिलाओं की संख्या 1 फीसदी से भी कम है। 
पंजाब है आगे 
मणिपुर, बिहार और मेघालय में सबसे कम (24 फीसदी) कॉन्ट्रासेप्टिव मेथड का इस्तेमाल किया जाता है, वहीं पंजाब में सबसे अधिक 76 फीसदी कॉन्ट्रासेप्टिव यूज किए जाते हैं। 
सिख और बौद्ध महिलाएं है ज्‍यादा 
मॉर्डन सर्वे में यह भी पता चला है कि 65 फीसदी सिख और बौद्ध महिलाओं ने मॉडर्न कॉन्ट्रासेप्टिव का यूज किया, वहीं मुस्लिम महिलाओं में ये आंकड़ा सिर्फ 38 फीसदी का रहा। गर्भनिरोधकों के इस्तेमाल का ज्‍यादात्‍तर धनी तबके के लोग करते हैं। जहां गरीब तबके की सिर्फ 36 प्रतिशत महिलाएं गर्भनिरोधकों का इस्तेमाल करती हैं वहीं, संपन्न परिवार की 53 प्रतिशत महिलाएं कॉन्ट्रसेप्टिव यूज करती हैं। 
25.7% महिलाओं ने किया घर पर अबॉर्शन 
इस सर्वे के आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले पांच सालों में 25.7 प्रतिशत महिलाओं ने बिना चिकित्‍सीय की सलाह के घर पर अबॉर्शन किया है, जिससे जाहिर सी बात है कि भारतीय महिलाएं आज भी अबॉर्शन जैसे विकल्‍प से दूर है और उन्‍हें इसके लिए भी संघर्ष करना पड़ता है।