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ज्योतिष

बहनें इस साल रात्रि को भी बांध सकेंगी भाइयों को राखी, पर इस समय न बांधें...

Posted at: Aug 25 2018 10:23AM
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श्रावण महीने की पूर्णिमा को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है, इस बार यह त्योहार 26 अगस्त को मनाया जाएगा। भाई-बहन के प्रेम का यह त्योहार भारत के कई हिस्सों में मनाया जाता है। इस दिन बहनें भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधती हंै। इस पर्व में बहनें भाई की आरती उतारती हैं और भगवान से अपने भाई की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं।
सर्वप्रथम रक्षासूत्र रखें भगवान शिव की प्रतिमा के सामने 
ज्योतिष के अनुसार इस बार रक्षाबंधन को भद्रा का काला साया नहीं रहेगा। भद्राकाल में राखी बांधना अशुभ माना जाता है। इस बार भद्रा सुबह होने से पहले ही खत्म हो जाएगी, ऐसा 37 सालों बाद हो रहा है। राखी बांधने के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 5. 59 से शुरू होकर दोपहर 3.37 मिनट तक रहेगा। रक्षासूत्र भगवान शिव की प्रतिमा के सामने अर्पित कर 108 बार महामृत्युंजय मंत्र का जप करें फिर इसे अपने भाई की कलाई पर बांधें। ऐसा करने से भगवान शिव की कृपा मिलती है।
शाम 5.25 पर समाप्त होगी पूर्णिमा
रक्षाबंधन का विस्तृत मुहूर्त ज्योतिष पंचांगों के अनुसार पूर्णिमा तिथि 25 अगस्त दोपहर 3 बजकर 16 मिनट से प्रारंभ हो जाएगी, जो 26 अगस्त को शाम 5 बजकर 25 मिनट तक रहेगी। इस दिन धनिष्ठा नक्षत्र दोपहर 12.35 बजे तक रहेगा। रक्षाबंधन का मुहूर्त 26 अगस्त प्रात: 7.43 से दोपहर 12.28 बजे तक रहेगा। इसके बाद दोपहर 2.03 से 3.38 बजे तक रहेगा। शाम 5.25 पर पूर्णिमा तिथि समाप्त हो जाएगी, लेकिन सूर्योदय व्यापिनी तिथि मानने के कारण रात्रि में भी राखी बांधी जा सकेगी।
यह है शुभ मुहूर्त:- 
7.43 से 9.18 तक चर 
सुबह-9.18 से 10.53 तक लाभ 
सुबह-10.53 से 12.28 तक अमृत
दोपहर- 2.03 से 3.38 तक शुभ 
शाम- 6.48 से 8.13 तक शुभ 
रात्रि-8.13 से 9.38 तक अमृत 
रात्रि-9.38 से 11.03 तक चर
इस समय न बांधें राखी
राहुकाल सुबह 5.13 से 6.48। 
यम घंटा दोप. 12.28 से 2.03। 
गुली काल दोप. 3.38 से 5.13। 
काल चौघड़िया दोप. 12.28 से 2.03।