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इस रक्षाबंधन बन रहा है ये खास संयोग, जानें राखी बांधने का शुभ मूहुर्त

Posted at: Aug 25 2018 1:28PM
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रक्षाबंधन का त्योहार भाई और बहन के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। ये त्योहार हर साल सावन महीने की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। ये त्योहार भाई बहन का एक दूसरे के प्रति प्यार और समर्पण का प्रतीक है। भाई-बहन सालभर इस त्योहार का इंतजार करते है। इस दिन बहनें अपने भाईयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और इसके बदले में भाई जीवनभर उनकी रक्षा करने का वचन देते हैं। 
 
हिंदू धर्म में रक्षाबंधन का विशेष महत्व होता है। पुरातन काल से इस पर्व को मनाया जा रहा है। यह इस पर्व की महिमा ही है जो भाई-बहन को हमेशा-हमेशा के लिए स्‍नेह के धागे से बांध लेती है। देश के अलग-अलग हिस्सों में इस त्योहार को मनाने के सबका अपना तरीका है। महाराष्‍ट्र में सावन पूर्णिमा के दिन जल दवता वरुण की पूजा की जाती है।
 
रक्षाबंधन को सलोनो नाम से भी जाना जाता है। मानयता तो ये भी है कि इस दिन पवित्र नदी में स्‍नान करने के बाद सूर्य को अर्घ्‍य देने से सभी पापों का नाश हो जाता है। साथ ही इस दिन पंडित या कोई भी जनेऊ धारी पुरानी जनेऊ को त्याग कर नई जनेऊ पहनते हैं। 
 
इस साल रक्षाबंधन पर खास है आपको बता दें कि इस साल रक्षाबंधन पर शुभ संयोग बनने जा रहे हैं। इसबार रक्षाबंधन पर चाल साल में पहली बार राखी के दिन भद्रा का साया नहीं रहेगा इसका मतलब एकदम साफ है कि इस साल रक्षाबंधन का त्यौहार ग्रहण से मुक्त रहेगा। 
 
राखी बांधने का समय: सुबह 5 बजकर 59 मिनट से शाम 5 बजकर 25 मिनट तक (26 अगस्‍त 2018)
अपराह्न मुहूर्त: दोपहर 01 बजकर 39 मिनट से शाम 4 बजकर 12 मिनट तक (26 अगस्‍त 2018)
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: दोपहर 03 बजकर 16 मिनट (25 अगस्‍त 2018)
पूर्णिमा तिथि समाप्‍त: शाम 05 बजकर 25 मिनट (26 अगस्‍त 2018)
 
पूजा की विधि
 
पूजा के लिए पीतल की एक थाली ले उसमें कुमकुम, हल्दी चावल के दाने, आरती के लिए दिया और रक्षा सूत्र रखें। भाई का मुंह मीठा कराने के लिए थाली में मीठाई भी रखें। इसके बाद भाई को तिलक लगाकर उसके दाहिने हाथ में रक्षा सूत्र यानी कि राखी बांधें।  राखी बांधने के बाद भाई की आरती उतारें।