Thursday, 25 April, 2024
dabang dunia

प्रदेश

पद्मा सचदेव साहित्य अकादमी की फेलो बनी

Posted at: Jun 12 2019 6:38PM
thumb

नई दिल्ली। हिन्दी और डोगरी की प्रख्यात लेखिका पद्मा सचदेव को बुधवार को साहित्य अकादमी का फेलो बनाकर उन्हें सर्वोच्च सम्मान प्रदान किया गया। उन्नासी वर्षीय सचदेव को यहाँ साहित्य अकादमी के सभागार में आयोजित एक गरिमापूर्ण समारोह में यह सम्मान प्रदान किया गया। अकादमी के अध्यक्ष एवं मशहूर नाटककार चन्द्रशेखर कम्बार ने सचदेव को एक प्रशस्ति पत्र, एक  स्मृति चिह्न, शाल आदि प्रदान कर उन्हें इस सम्मान से नवाज़ा। अकादमी के सचिव के. श्रीनिवास राव ने प्रशस्ति पत्र का वाचन किया। इसके बाद सम्मानित लेखिका ने अपनी रचना प्रक्रिया और अपने लेखन पर उद्गार व्यक्त किये।
 
सत्रह अप्रैल 1940 को जम्मू के पुरमंडल में जन्मी सचदेव  डोगरी की पहली लेखिका हैं, जिन्हें यह सम्मान मिला है। हिन्दी की प्रख्यात कवयित्री महादेवी पहली लेखिका थी जिन्हें यह सम्मान (1979) में मिला था। इस सम्मान की  शुरुवात 1968 में हुई और पहला सम्मान डॉ राधाकृषण को मिला था। सचदेव बालामणि अम्मा, आशापूर्ण देवी, कुर्तुलेन हैदर अमृता प्रीतम, कृष्णा सोबती, अनीता देसाई के बाद यह सम्मान पाने वाली आठवीं महत्पूर्ण लेखिका है। उन्हें 1971 में साहित्य अकादमी सम्मान मिल चुका है।
 
साहित्य अकादमी के फेलो की अधिकतम संख्या 21 रहती है। सोबती के निधन के उपरांत रिक्त स्थान के बाद सचदेव को यह सम्मान मिला। उन्होंने कविता के अलावा उपन्यास यात्रा वृतांत संस्मरण भी लिखे हैं, उन्हें पद्मश्री तथा कबीर सम्मान भी मिला। सम्मान समारोह के बाद एक संवाद भी आयोजित किया गया जिसकी अध्यक्षता डोगरी परामर्श मंडल के संयोजक दर्शन दर्शी ने की और चित्र मुदगल इंद्रनाथ चौधुरी तथा मोहन सिंह ने वक्ता के रूप में भाग लिया।