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आनंदीबेन ने लिया टीबी रोग ग्रसित बच्ची को गोद

Posted at: Aug 25 2019 3:22PM
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लखनऊ। देश को क्षय रोग से मुक्त करने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना के तहत उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने रविवार को टीबी से ग्रसित एक मासूम को गोद लेकर राज्य के लोगों से इस मुहिम में शामिल होने का आवाहन् किया। राजभवन में आयोजित एक कार्यक्रम में श्रीमती पटेल ने टीबी रोग से ग्रसित एक बच्ची मोहसिना (काल्पनिक नाम) को गोद लिया। इसके साथ टीबी रोग से ग्रसित 21 अन्य बच्चों को राजभवन के सभी अधिकारियों ने सहयोग की दृष्टि से गोद लिया।
गोद लेने वाले अधिकारियों का यह दायित्व होगा कि वे बच्चों को सरकारी दवा सुचारू रूप से मिलती रहे तथा बच्चा नियमित रूप से दवा का प्रयोग करें और पौष्टिक आहार का सेवन करे, इसका ध्यान रखेंगे। राज्यपाल ने सलाह दी कि बच्चों की शिक्षा में कोई व्यवधान हो तो उसका भी निस्तारण किया जाये। उन्होने राजभवन आये सभी बच्चों को पोषणयुक्त खाद्य सामग्री और फल वितरित किये। यह सभी बच्चें राजभवन के नजदीकी क्षेत्र के रहने वाले हैं।
इस अवसर पर राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव हेमन्त राव, विशेष सचिव डा अशोक चन्द्र, जिला क्षय रोग निवारण अधिकारी डा पीके गुप्ता समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2025 तक भारत को टीबी रोग से मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस लिये तय किया गया कि टीबी रोग से ग्रसित बच्चों को गोद लेने की पहल की राजभवन से शुरूआत की जाये। गोद लेना कोई उपकार नहीं है।
जागृत समाज का फर्ज है कि समाज स्वस्थ हो। जो सम्पन्न हैं वे अपनी जरूरत के अतिरिक्त कुछ अंश समाज के लिये भी खर्च करें। छोटे-छोटे प्रयास से बड़ा लक्ष्य प्राप्त हो सकता है। श्रीमती पटेल ने कहा कि लोग शिक्षा, स्वास्थ्य, सरकारी योजना की जानकारी के अभाव के कारण लाभ नहीं उठा पाते। यह सबकी जिम्मेदारी है कि सरकारी योजना का लाभ पात्र व्यक्ति तक पहुंचे।
सभी स्थान पर सरकार नहीं पहुंच पाती। ऐसी स्थिति में समाज के जिम्मेदार, सम्पन्न एवं समृद्ध लोग अपने दायित्व को समझते हुए स्वयं को रोगी के परिवार से जोड़े, चर्चा करें तथा समाधान निकालने में उनका सहयोग करें। इस मौके पर जिला क्षय रोग निवारण अधिकारी डा पीके गुप्ता ने बताया कि लखनऊ में टीबी रोग के 14,600 मरीज चिन्हित किये गये हैं जिन्हें दवाई और पौष्टिक आहार के लिये रूपये 500 का भत्ता सीधे उनके बैंक खाते में भेजा जा रहा है।