Friday, 29 March, 2024
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ज्योतिष

मुख्य द्वार पर लगाएं ये चीजें, जीवन में होगी तरक्की होगें मालामाल

Posted at: Nov 19 2019 2:03PM
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हर कोई चाहता है कि जीवन में सुख समृद्धि बनी रहे, इसके लिए लोग मेहनत और प्रयास भी करते हैं। वास्तुविज्ञान की मानें तो इनसे निपटने के लिए वास्तु के कुछ उपाय किए जा सकते हैं। वास्तुशास्त्र के अनुसार अपने घर या ऑफिस के मुख्यद्वार पर कुछ उपाय करने से जीवन की खुशहाली बरकरार जा सकती है। वास्तुशास्त्र के अनुसार, घर या ऑफिस के प्रवेश द्वार पर पानी से भरा कांच का बर्तन रखना चाहिए। यह पात्र ऐसा होना चाहिए जिसमें खुशबू वाले ताजे फूल रखें जा सकें। यह बर्तन घर में साज-सज्जा के भी काम आता है।
इससे घर में सकारात्मकता भी आती है और घर में खुशहाली भी आती है। पीपल या आम या अशोक के पत्तों की एक माला बनाएं। इसे घर या ऑफिस के प्रवेश द्वार पर बांधे। वास्तुशास्त्र के अनुसार, इससे नकारात्मकता दूर होकर समृद्धि आती है। जब यह पत्तियां सूख जाएं तो माला बदल देनी चाहिए। घर या ऑफिस के प्रवेश द्वार पर लक्ष्मी जी के पैर बनाएं या बने बनाए पैर भी लगा सकते हैं लेकिन लक्ष्मी मां के ऐसे पैर लगाने चाहिए जो अंदर की तरफ जा रहे हों वास्तुविज्ञान के अनुसार, इससे घर में समृद्धि आती है।
मुख्य द्वार के नीचे बाहर की ओर देवी लक्ष्मी के लाल या पीले रंग के पैरों के चिन्ह बनाने से सभी देवी-देवताओं की शुभ दृष्टि हमारे घर पर सदैव बनी रहेगी। ज्योतिष के अनुसार, अशुभ ग्रहों का बुरा प्रभाव भी कम होता है। इसके अलावा हमारे घर पर किसी की बुरी नजर नहीं लगती है। घर के मुख्य और प्रवेश द्वार पर स्वास्तिक बनाना भी शुभ फलदायी माना गया है। वास्तुशास्त्र के अनुसार, स्वास्तिक लगाने से सौभाग्य और समृद्धि में वृद्धि होती है। घर या दुकान या ऑफिस के प्रवेश द्वार पर शुभ लाभ का निशान बनाएं। इससे रोग, शोक आदि कम होते हैं, सुख और समृद्धि आती है। अपने घर या ऑफिस के मुख्य दरवाजे को घर के अन्य दरवाजों से बड़ा रखना चाहिए।
वास्तु के अनुसार घर का दरवाजा बड़ा रखना लाभकारी होता है, यह नकारात्मकता ऊर्जा को कम करता है, साथ ही दरवाजा क्लॉकवाइज यानी घड़ी की दिशा में खुलता हो। यह घर की समृद्धि में शुभ होता है। साथ ही मुख्य द्वार को जमीन से ऊंचाई पर रखने से घर में अधिक से अधिक रोशनी का प्रवेश होता है, जिसे घर में अंधेरेपन को दूर करने और स्वास्थ्य के हिसाब से बेहतर माना जाता है। यह भी ध्यान रखें कि सीढ़ियों की संख्या विषम होनी चाहिए।