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Posted at: Sep 12 2019 12:59AM
चित्तौडगढ़। राजस्थान में चित्तौडगढ़ जिले के निकुंभ थाना क्षेत्र में एक पखवाड़े से लापता वृद्धा का शव आज उसी के घर के पास बनी गोबर की रोड़ी से मिलने के बाद क्षेत्र में सनसनी फैल गई। पुलिस सूत्रों ने बताया कि क्षेत्र के गांव साल का खेड़ा निवासी सोसरबाई बेवा गोटू गाडरी (55) गत 25 अगस्त से लापता थी। इस सम्बंध में इसके पुत्र शंभू गायरी ने को पुलिस थाने में रिपोर्ट दी थी जिसमें बताया कि वह रक्षाबंधन के बाद से ही पदयात्रा पर रामदेवरा गया हुआ था। उसका भाई भी महाराष्ट्र के पुना शहर में काम करता है तथा पत्नी पीहर गई थी, जिससे घर पर मां अकेली थी। रिपोर्ट में कहा कि 27 अगस्त को प्रार्थी आया एवं मां नहीं मिली उसने अपने चचेरे भाई लेहरू, हीरालाल व दलीचंद पर शंका जताते हुए रिपोर्ट में बताया कि इन्होंने जमीन विवाद में पहले भी धमकी दी थी।
ऐसे में इन पर ही मां को गायब करने का आरोप लगाया था। पुलिस ने तीनों को हिरासत में लिया तथा काफी पूछताछ पर भी खुलासा नहीं हो पाया लेकिन ग्रामीणों के दबाव के चलते मंगलवार को कड़ाई से की गई पूछताछ में दलीचंद ने सोसरबाई की हत्या करने एवं उसका शव उसके ही गांव में होने की जानकारी दी। पुलिस तत्काल दलीचंद को साल का खेड़ा गांव ले गई जहां पुलिस ने उसकी निशानदेही पर रोडी खोद कर सोसरबाई का शव निकाला। शव का जिला म चिकित्सालय में मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवा परिजनों को सौंप दिया। पुलिस के अनुसार प्रारंभिक जांच में सामने आया आरोपितों ने सोसरबाई के हाथ पैर काट दिए थे। यहां तक पैर में पहनी चांदी की कडियां भी निकाल ली थी। गोबर की रोड़ी में शव तो सड़ गल जाता लेकिन चांदी नहीं गलती। ऐसे में बदमाशों ने हत्या कर कडियां निकाल ली थी। पुलिस ने बताया कि मृतका सोसर बाई एवं उसके भतीजों के बीच छह बीघा भूमि का विवाद था। पुलिस मामले में गिरफ्तार आरोपित दलीचंद से पूछताछ में जुटी हुई है।