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एशिया की सबसे पुरानी चीनी मिल बिना अनुमति नहीं बेच पायेगी चीनी

Posted at: Feb 28 2020 3:46PM
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देवरिया। उत्तर प्रदेश के देवरिया में  राज्य की बिहार सीमा  पर स्थित एशिया की सबसे पुरानी चीनी मिल अब बिना प्रशासन की अनुमति के अपनी  चीनी नहीं बेच पायेगी। आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को यहां कहा कि किसानों के गन्ना मूल्य का भुगतान न करने पर जिला प्रशासन ने  प्रतापपुर चीनी मिल के स्टाक को अपने कब्जे में ले लिया है और चीनी मिल प्रबंधन  द्वारा चीनी बेचने से जो धन मिलेगा उसका करीब 85 प्रतिशत गन्ना किसानों को  भुगतान किया जायेगा तथा 15 प्रतिशत धन मिल को दिया जायेगा। 
 
चालू पराई सत्र में अभीतक प्रतापपुर चीनी मिल ने करीब 14 हजार गन्ना  किसानों का करीब 25 लाख कुंतल से ज्यादा गन्ने की पेराई की है । किसानों ने  अभी तक करीब 48 करोड़ रूपये का गन्ना दिया है लेकिन मिल प्रबंधन द्वारा  महज 86 लाख रुपये का ही गन्ना किसानों को भुगतान किया है। गन्ना आयुक्त संजय आर्य एवं जिला गन्ना अधिकारी कृष्ण कुमार ने चीनी मिल  प्रबंधन को नोटिस देकर किसानों का शीघ्र बकाया भुगतान करने को कहा था लेकिन  इसके बाद भी मिल प्रबंधन द्वारा किसानों के भुगतान करने में विशेष रूचि  नहीं ली।
 
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार इसकी  जानकारी जिलाधिकारी अमित किशोर को मिलने के बाद उन्होंने अधिकारियों की तीन  सदस्यीय कमेटी गठित कर चीनी मिल को अपने कब्जे में ले लिया।  जिला गन्ना  अधिकारी कृष्ण कुमार ने कहा कि मिल को जितनी  चीनी बेचनी होगी उसकी अनुमति जिलाधिकारी से लेनी होगी। प्रशासन की इस कार्रवाई से किसानों को  बकाया गन्ना मूल्य भुगतान होने की उम्मीद जगी है।