Friday, 26 April, 2024
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ग्रामीण विकलांग मितानों के मानदेय में इजाफे का मंत्री ने दिया आश्वासन

Posted at: Feb 28 2020 3:57PM
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रायपुर। छत्तीसगढ़ की समाज कल्याण मंत्री अनिला भेड़िया ने ग्रामीण विकलांग मितानों के मानदेय में इजाफे तथा विकंलाग शब्द को हटाकर उसे केन्द्र सरकार के निर्देशानुसार दिव्यांग करने का आश्वासन दिया है। श्रीमती भेड़िया ने आज विधानसभा में प्रश्नोत्तरकाल में जनता कांग्रेस सदस्य पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के पूरक प्रश्नों के उत्तर में यह आश्वासन दिया।
 
जोगी ने वह स्वयं दिव्यांग है।केन्द्र सरकार ने विकंलाग शब्द पर प्रतिबन्ध लगा दिया है,लेकिन उनके प्रश्न के लिखित उत्तर में कई बार विकंलाग शब्द का इस्तेमाल किया गया है,यह उनका अपमान है। विधानसभा अध्यक्ष डा.चरण दास महंत ने इस पर मंत्री भेड़िया से पूछा कि क्या इस तरह का केन्द्र से कोई निर्देश प्राप्त हुआ है।मंत्री ने स्वीकार किया कि केन्द्र से पत्र मिला है।
 
उन्होने कहा कि सदस्य की भावना एवं केन्द्र सरकार के निर्देशानुसार विकंलाग शब्द को हटाकर उसे दिव्यांग कर दिया जायेंगा। जोगी ने इस पर कांग्रेस के घोषणा पत्र के अनुसार मामूली मानदेय पर काम कर रहे ग्रामीण विकलांग मितानों एवं बहुउद्देशीय पुनर्वास कार्यकर्ताओं को नियमित किए जाने की मांग की। मंत्री ने कहा कि नियमित करने का प्रकरण केवल उनके विभाग का ही नही दूसरे विभागों का ही है।इस बारे में निर्णय विचाराधीन है।तय समय सीमा बताना संभव नही है।
 
जोगी ने कहा कि 2002 में मितानों को 400 रूपए मासिक मानदेय मिलता था, 20 वर्षों बाद भी उन्हे 400 रूपए मिल रहे है,बहुत शर्मनाक बात है।जनता कांग्रेस सदस्य धर्मजीत सिंह ने कहा कि दैनिक मजदूरी भी नही दी जा रही है,इस पर श्रमिक शोषण कानून के तहत प्रकरण बनता है। अध्यक्ष डा.महंत ने मंत्री से कहा कि वह अधिकारियों को निर्देश दे कि मितानों को अच्छा मानदेय मिले वह सुनिश्चित करे।
 
जोगी ने कहा कि दिव्यांगों को संरक्षण देने के कानून 2016 के मुताबिक जितने सार्वजनिक भवन हैं वहां दिव्यांग व्हील चेयर से आसानी से पहुंच सके,वहां रैम्प होना चाहिए। यहां तक विधानसभा परिसर में अगर वह प्रमुख सचिव के कक्ष में जाना चाहे तो नही जा सकते। संसदीय कार्य मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि दिव्यांगों का पूरा सम्मान है। जोगी ने जो समस्या उठायी है, उसका जल्द समाधान होगा।