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Posted at: Feb 29 2020 2:50PM
नई दिल्ली। आज गूगल ने इस पर खास डूडल बनाया है। यह दिन हर चार साल में एक बार आता है। हम यह भी कह सकते हैं कि यह लीप ईयर है, जिसमें 366 दिन होते हैं। वैसे साल में 365 दिन होते हैं। महीने 12 और हर महीने 30 या 31 दिन। फरवरी माह ही ऐसा होता है, जिसमें दिनों की संख्या में अंतर आता है। लीप ईयर वह साल होता है, जिसमें 4 का भाग पूरा-पूरा चला जाए यानी शेष 0 बचे। इससे पिछला लीप ईयर 2016 था।
लीप ईयर क्यों आता है। हमारी पृथ्वी, सूरज के चारों ओर चक्कर लगाती है। साथ ही वह अपनी धूरी पर भी घूमती है। सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाने से मौसम बदलते हैं और धुरी पर चक्कर लगाने से दिन और रात की प्रक्रिया होती है। पृथ्वी धुरी का चक्कर तो 24 घंटे में पूरा कर लेती है, लेकिन सूरज के चारों ओर का चक्कर पूरा करने में उसे 365 दिन और 6 घंटे लग जाते हैं। यही 6 घंटे 4 साल में जुड़-जुडक़र पूरा एक दिन बन जाते हैं। इसी दिन को सबसे छोटी फरवरी में जोड़ दिया जाता है। इसीलिए इसे लीप ईयर या अधिक वर्ष कहते हैं।