Friday, 26 April, 2024
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मध्यप्रदेश के सभी 52 जिलों में कोरोना कर्फ्यू बढ़ाया गया

Posted at: May 17 2021 5:30PM
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भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण पर काबू पाने के लिए कोरोना कर्फ्यू काफी मददगार साबित हुआ है और इसी को ध्यान में रखते हुए सभी 52 जिलों में संबंधित जिला आपदा प्रबंधन समिति के निर्णय उपरांत कोरोना कर्फ्यू की अवधि बढ़ा दी गयी है। राज्य के गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ राजेश राजौरा ने आज यहां बताया कि इस संबंध में संबंधित जिला कलेक्टरों ने आदेश जारी किए हैं। बुरहानपुर जिले में कोरोना कर्फ्यू की अवधि 20 मई की सुबह छह बजे तक बढ़ायी गयी है। भोपाल समेत 25 जिलों में कर्फ्यू 24 मई की सुबह छह बजे तक बढ़ाया गया है। इनमें जबलपुर, रीवा, छिंदवाड़ा, होशंगाबाद, सिंगरौली, सतना, सीधी, अशोकनगर, धार, मंदसौर, राजगढ़, टीकमगढ़, पन्ना, खरगोन, गुना, बड़वानी, शाजापुर, निवाड़ी, खंडवा, छतरपुर, झाबुआ, कटनी, हरदा और दतिया जिले शामिल हैं।
 
उन्होंने कहा कि इसके अलावा अलीराजपुर, नरसिंहपुर, बैतूल, अनूपपुर और रतलाम जिलों में कर्फ्यू 25 मई की सुबह छह बजे तक बढ़ाया गया है। जबकि आदिवासी बहुल डिंडोरी जिले में 25 मई की सुबह सात बजे तक और इंदौर में 29 मई की रात्रि तक कर्फ्यू की अवधि बढ़ायी गयी है। इसके अलावा ग्वालियर समेत 19 जिलों में कर्फ्यू 31 मई की सुबह छह बजे तक लगाया गया है। इन जिलों में उज्जैन, शिवपुरी, सागर, मुरैना, नीमच, शहडोल, उमरिया, देवास, आगरमालवा, रायसेन, भिंड, बालाघाट, श्योपुर, सिवनी, सीहोर, विदिशा, मंडला और दमोह शामिल हैं। डॉ राजौरा ने बताया कि इसके अलावा मुख्यमंत्री के निर्देश पर गृह विभाग की ओर से 10 मई को ग्राम, विकासखंड, वार्ड स्तरीय क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप्स के गठन के संबंध में आदेश जारी किए गए थे।
 
अब तक 50, 846 ग्रामों में ग्राम स्तरीय संकट प्रबंधन समूहों का गठन किया जा चुका है, जिनमें 5,34,627 सदस्य हैं। इसके अलावा 301 विकासखंड स्तरीय संकट प्रबंधन समूहों का गठन हुआ है, जिनमें 5784 सदस्य हैं। उन्होंने बताया कि इसी तरह नगर निगमों के 884 वार्डों में, नगरपालिकाओं के 2218 वार्डों में और नगर परिषदों के 4190 वार्डों में, कुल 7292 नगरीय निकायों के वार्डों में वार्ड स्तरीय संकट प्रबंधन समूहों का गठन किया गया है। इनमें 1,16,932 सदस्य हैं। गांवों, कस्बों और शहरों में यह समूह कोरोना संक्रमण पर काबू पाने के लिए सक्रियता से जुट गए हैं। वहीं सभी 52 जिलों में जिला स्तरीय आपदा प्रबंधन समितियां पिछले एक वर्ष से क्रियाशील हैं।