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Vyapam महाघोटाला: BJP सरकार में फिर शुरू हुई जांच, STF ने 17 वीं FIR दर्ज की

Posted at: Sep 15 2021 12:41AM
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भोपाल। MP के बहुचर्चित व्यापम महाघोटाले में अब जांच तेज हो गई है। STF ने पेंडिंग शिकायतों की जांच आगे बढ़ाते हुए अब 17 वीं FIR दर्ज की है। यह FIR पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा 2013 केस में दर्ज की गई। BJP सरकार में जिस व्यापम घोटाले की जांच में ब्रेक लग गया था। अब उस जांच को फिर से तेज कर दिया गया है। पेंडिंग व्यापम की शिकायतों पर फिर FIR होना शुरू हो गई है। कमलनाथ सरकार में 16 FIR दर्ज की गई थीं। अब BJP सरकार में FIR दर्ज करने का सिलसिला शुरू हो गया है। BJP सरकार के डेढ़ साल के कार्यकाल के बाद अब यह आंकड़ा बढ़कर 17 तक पहुंच गया है। STF ने 17 वीं FIR आरक्षक भर्ती परीक्षा 2013 केस में आरोपी वीरेश कुमार सहित अन्य के खिलाफ धारा 466,468, 471, 120 बी में केस दर्ज किया। आरोपी ने अपनी जगह किसी दूसरे को बैठाकर परीक्षा पास की थी। अभी भी आरोपी पुलिस में नौकरी कर रहा है। STF ने PHQ से  आरोपी वीरेश की जानकारी मांगी है। इंदौर STF की टीम इस मामले की जांच कर रही है।
व्यापम घोटाले की जांच शिवराज सरकार में सबसे पहले इंदौर क्राइम ब्रांच ने शुरू की थी। 2013 में व्यापम घोटाले में FIR दर्ज होने के बाद सरकार ने STF को जांच सौंपी थी। तब STF के तत्कालीन अफसरों ने 21 नवंबर 2014 को विज्ञप्ति जारी कर लोगों से नाम या गुमनाम सूचनाएं आमंत्रित की थीं। इसमें 1357 शिकायतें  STF को मिली थीं, इसमें से 307 शिकायतों की जांच कर 79 FIR दर्ज की गई थीं। 1050 शिकायतों में से 530 जिला पुलिस के पास जांच के लिए भेजी गईं और 197 शिकायतें एसटीएफ के पास थीं। बाकी 323 शिकायतों को नस्तीबद्ध कर दिया, जिसमें गुमनाम होने को आधार बनाया गया था। इन्हीं 197 शिकायतों की जांच STF ने कांग्रेस सरकार में दोबारा शुरू की थी।
 
व्यापम की जांच में BJP सरकार पर लग रहे आरोपों के बाद 2015 में एसटीएफ से जांच CBI ने अपने हाथ में ले ली थी। कमलनाथ सरकार के निर्देश के बाद  STF ने व्यापम घोटाले की जांच दोबारा शुरू कर 197 पेंडिंग शिकायतों में से 100 को चिह्नित कर लिया था। इन्हीं शिकायतों में से  STF ने 03 महीने की जांच में 16 FIR दर्ज की थीं। PMT 2008 से 2011 के साथ डीमेट और प्रीपीजी में हुई गड़बड़ियों की शिकायतों पर सबसे पहले FIR दर्ज हुई थी। 84 FIR और दर्ज होनी थीं। इनमें से 100 FIR में करीब 500 लोगों को आरोपी बनाया जाना था। इन चिह्नित शिकायतों की जांच में उस समय की तत्कालीन BJP सरकार के कई मंत्री, IAS, IPS अफसरों के साथ बड़े राजनेताओं और नौकरशाहों   के नाम सामने आए थे।  STF का CBI की जांच में कोई दखल नहीं था।  STF की टीम सिर्फ पेंडिंग शिकायतों या फिर आने वाली नई शिकायतों पर जांच कर रही थी।
 
BJP की सरकार आते ही  STF चीफ अशोक अवस्थी और एडिशन एसपी राजेश सिंह भदौरिया को हटा दिया गया। न्यूज़18 ने बीजेपी सरकार में बंद हुई व्यापम घोटाले की जांच को लेकर प्रमुखता से खबर दिखाई थी। इस खबर के बाद एसटीएफ हरकत में आई और सबसे पहले पुराने एक मामले में एक आरोपी की गिरफ्तारी की और अब फिर से पेंडिंग शिकायतों में FIR दर्ज करने का सिलसिला शुरू हो गया है। व्यापम घोटाले की पेंडिंग शिकायतों में आगे भी कई FIR दर्ज होना बाकी हैं। ऐसे में एसटीएफ भी बिना किसी विवाद के पेंडिंग शिकायतों का निराकरण करने में जुट गई है।