देश
Posted at: Nov 30 2021 8:09PM
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए देश की GDP के आंकड़ों को जारी कर दिया है। जुलाई-सितंबर तिमाही में देश की जीडीपी -7.4% से बढ़कर 8.4 फीसदी हो गई है। इससे पहले जून तिमाही में भारत की जीडीपी 20।1 फीसदी रही थी। जून तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था अब तक की सबसे तेज दर के साथ बढ़ी थी। इसमें एक साल पहले की रिकॉर्ड गिरावट की वजह से कम आधार वजह थी। इसते साथ मैन्युफैक्चरिंग और कंस्ट्रक्शन सेक्टर में भी रिकवरी आई थी।
अप्रैल-अक्टूबर के दौरान राजकोषीय घाटा पूरे साल के लक्ष्य के 3.6 फीसदी पर रहा है। कुल टैक्स रिसिप्ट 10.53 करोड़ रुपये रहा है। जबकि कुल खर्च 18.27 लाख करोड़ रुपये रहा है। सरकार ने इस साल राजकोषीय घाटा 6.8 फीसदी पर रहने का अनुमान लगाया था। पिछले साल की समान अवधि में फिजकल डेफिसिट यानी खर्च और रेवेन्यू के बीच अंतर 2020-21 के बजट आकलन का 119.7 फीसदी रहा था। डेफिसिट अक्टूबर के आखिर में, 5,47,026 करोड़ रुपये रहा है। सालाना आकलन 15।06 लाख करोड़ रुपये का था। 2020-21 के लिए राजकोषीय घाटा जीडीपी का 9.3 फीसदी था, जो फरवरी में बजट में अनुमानित 9.5 फीसदी से बेहतर था।
ज्यादातर जानकारों ने दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 7.5 फीसदी और 8.5 फीसदी के बीच रहने का अनुमान लगाया था। रॉयटर्स के 44 अर्थशास्त्रियों के सर्वे में संकेत मिला था कि दूसरी तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था 8.4 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है। RBI ने वित्त वर्ष 2022 में भारत की जीडीपी ग्रोथ 9.5 फीसदी पर रहने का अनुमान लगाया था। अगस्त में IIP ग्रोथ 11.9 फीसदी पर रही थी, जो जुलाई के 11.5 फीसदी के मुकाबले ज्यादा थी। वहीं, मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज भी अच्छी रही थी।
रेटिंग एजेंसी ICRA का दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 8।3 फीसदी रहने का अनुमान है। वहीं, पूरे साल में 9।4 फीसदी पर रहने का अनुमान है। एजेंसी ने अच्छी ग्रोथ के पीछे लगातार नौ तिमाही में एग्रीकल्चर ग्रोथ 3 फीसदी से ज्यादा रहने को वजह बताया है। एजेंसी का कहना है कि इससे ग्राहकों का खर्च बढ़ेगा और यह निजी खपत में भी इजाफा होगा। SBI रिसर्च में जीडीपी ग्रोथ करीब 8.1 फीसदी पर रहने का अनुमान लगाया था। जबकि GVA 7.1 फीसदी पर बताया गया था। उन्होंने कहा था कि भारत का दूसरी तिमाही में 8.1 फीसदी का ग्रोथ रेट सभी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे ज्यादा है।
इस साल सितंबर के महीने में इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन इंडेक्स (IIP) में 4.4 फीसदी की तेजी दर्ज की गई। यह आंकड़ा 126.7 पर रहा था। GDP देश की भौगोलिक सीमाओं के अंदर एक निश्चित समय की अवधि के दौरान सामान और सेवाओं के उत्पादन की कूल वैल्यू होती है। GDP ग्रोथ रेट एक देश के आर्थिक प्रदर्शन का महत्वपूर्ण संकेतक होती है।