प्रदेश
Posted at: Jul 30 2022 5:13PM
फरीदकोट । पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री के व्यवहार से आहत बाबा फरीद मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति डाॅ राज बहादुर ने शनिवार को त्यागपत्र दे दिया। इसके साथ ही उनके सचिव, अमृतसर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल, वाइस प्रिंसिपल और चिकित्सा अधीक्षक ने भी त्यागपत्र दे दिया है। उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को गुरु गोविंद सिंह मेडिकल कालेज फरीदकोट का दौरा करने पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा निरीक्षण के दौरान एक वार्ड में बेड पर फटा-पुराना गद्दा बिछा देखकर नाराज हो गए थे। इस दौरान उनके साथ मौजूद बाबा फरीद यूनिवर्सिटी के कुलपति डाॅ राज बहादुर को उन्होंने इस गद्दे पर लेटने को कह दिया और न चाहते हुए उन्हें गद्दे पर लेटना पड़ा।
जौड़ामाजरा के व्यवहार से आहत डॉ राज बहादुर ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने देर रात त्याग पत्र प्रदेश के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित को भेज दिया। उनके बाद उनके सचिव ओ पी चौधरी ने भी इस्तीफा दे दिया। अमृतसर मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल डाॅ राजीव देवगन के बाद शनिवार सुबह वाइस प्रिंसिपल डॉ जेस कुलार ने भी त्यागपत्र दे दिया। गुरु नानक देव अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डाॅ के डी सिंह पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं। त्यागपत्र देने का कारण काम का अत्यधिक बोझ बताया गया है, लेकिन मेडिकल शिक्षा एवं चिकित्सा से जुड़े दो अधिकारियों द्वारा एक साथ त्यागपत्र भेजे जाने के बाद यह चर्चा आम है कि स्वास्थ्य मंत्री के व्यवहार से दोनों अधिकारी खिन्न थे। इन इस्तीफों को भी डॉ राज बहादुर मामले के साथ ही जोड़ कर देखा जा रहा है। इस मामले को लेकर अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल, सांसद हरसिमरत कौर बादल, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री बलवीर सिद्धू, पीएयू के पूर्व कुलपति सरदारा सिंह जौहल ने भी डॉ राज बहादुर के साथ स्वास्थ्य मंत्री के दुर्वयवहार की कड़ी निंदा की है