Saturday, 20 April, 2024
dabang dunia

देश

आधी रात पहलवानों ने की अमित शाह से मुलाकात, जानिए बृजभूषण सिंह के मुद्दे पर क्या हुई बात

Posted at: Jun 5 2023 12:34PM
thumb

बीजेपी सांसद और कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों ने मोर्चा खोल रखा है। इसी मुद्दे पर पहलवानों ने शनिवार रात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। रेसलर साक्षी मलिक के पति सत्यव्रत कादियान ने आजतक से बातचीत में बैठक की पुष्टि की है। वे भी इस बैठक में मौजूद थे। सत्यव्रत ने बताया कि बैठक में क्या क्या हुआ?

सत्यव्रत कादियान ने बताया, हमने बृजभूषण को गिरफ्तार करने की मांग उठाई थी। लेकिन ये बैठक बेनतीजा रही। उन्होंने बताया कि हमें गृह मंत्री से जो प्रतिक्रिया चाहिए थी वह नहीं मिली, इसलिए हम बैठक से बाहर आ गए। सत्यव्रत ने कहा कि हम विरोध के लिए आगे की रणनीति बना रहे हैं। हम पीछे नहीं हटेंगे हम आगे की कार्रवाई की योजना बना रहे हैं। 

पहलवानों ने 23 अप्रैल को जंतर मंतर पर बृजभूषण के खिलाफ धरना शुरू किया था। पहलवानों ने बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। 7 महिला पहलवानों ने बृजभूषण के खिलाफ 21 अप्रैल को कनॉट प्लेस थाने में बृजभूषण के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। इन शिकायतों के आधार पर 28 अप्रैल को दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न के दो मामले दर्ज किए हैं। पहली प्राथमिकी नाबालिग द्वारा लगाए गए आरोपों के आधार पर है। इसमें पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। वहीं, दूसरी FIR अन्य पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों से संबंधित है।

दोनों एफआईआर में आईपीसी की धारा 354 (महिला की लज्जा भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल प्रयोग), 354ए (यौन उत्पीड़न), 354डी (पीछा करना) और 34 (सामान्य इरादे) का हवाला दिया गया है, जिसमें एक से तीन साल की जेल की सजा है। पहली प्राथमिकी में 6 पहलवानों के आरोप शामिल हैं और इसमें डब्ल्यूएफआई सचिव विनोद तोमर का भी नाम है।

- दूसरी एफआईआर एक नाबालिग के पिता की शिकायत पर आधारित है और POCSO अधिनियम की धारा 10 को भी लागू करती है, जिसमें पांच से सात साल की कैद होती है। जिन घटनाओं का जिक्र किया गया है, वे कथित तौर पर 2012 से 2022 तक भारत और विदेशों में हुईं।

उधर, भारतीय किसान यूनियन ने चेतावनी दी है कि वह पांच जून से दिल्ली की सीमाओं का घेराव करेंगे। दरअसल 28 मई को पीएम मोदी ने नई संसद का उद्घाटन किया था। इस दौरान पहलवानों ने जंतर मंतर से नई संसद तक मार्च निकालने का ऐलान किया था। लेकिन पुलिस ने इसकी अनुमति नहीं दी थी। इतना ही नहीं जब पहलवानों ने जब मार्च निकालने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया था। इस दौरान धक्का मुक्की भी हुई थी। पुलिस ने पहलवानों को हिरासत में ले लिया था और जंतर मंतर से पहलवानों का धरना खत्म कर दिया था। 

इसके बाद पहलवानों ने हरिद्वार में गंगा में अपने जीते हुए पदकों को बहाने का ऐलान किया था। इस दौरान किसान नेता नरेश टिकैत ने वहां पहुंचकर पहलवानों को ऐसा करने से रोका था और खुद उनके मेडल उनसे ले लिए थे। इसी के साथ उन्होंने सरकार को पांच दिन का अल्टीमेटम दिया था, जिसका आज यानी सोमवार को आखिरी दिन है। बीकेयू ने चेतावनी दी है कि पहलवानों को न्याय नहीं मिला तो वहीं वह दिल्ली की सीमाओं का घेराव करेंगे।