Sunday, 08 September, 2024
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पेरिस ओलंपिक 2024 के बाद भारतीय हॉकी टीम का सबसे बड़ा हीरो ले लेगा संन्यास

Posted at: Jul 22 2024 4:46PM
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पेरिस ओलंपिक 2024 में एक बार फिर नजरें भारतीय हॉकी टीम पर रहेंगी। पिछले ओलंपिक में पुरुष हॉकी टीम ने 41 साल का इंतजार खत्म करते हुए ब्रॉन्ज मेडल जीता था। एक बार फिर इस टीम से ऐसे ही या इससे बेहतर प्रदर्शन की आस रहेगी। इस बार ओलंपिक टीम इंडिया और इसके फैंस के लिए ज्यादा खास और भावुक होने वाला है, क्योंकि पिछले करीब 2 दशक से टीम के गोल की दीवार बनकर रक्षा करने वाले दिग्गज गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने संन्यास का ऐलान कर दिया है। टोक्यो ओलंपिक में मेडल जिताने में सबसे अहम भूमिका निभाने वाले श्रीजेश ने सोमवार को ऐलान किया कि पेरिस गेम्स के बाद वो खेल को अलविदा कह देंगे।

ओलंपिक के लिए पेरिस पहुंचने के दो दिन बाद ही टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और सुपरस्टार गोलकीपर श्रीजेश ने सोमवार 22 जुलाई ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए संन्यास का ऐलान किया। 36 साल के श्रीजेश ने कहा कि वो करियर के निर्णायक मोड़ पर खड़े हैं और उनका दिल गर्व से भरा हुआ है। श्रीजेश ने अपने कोच, अपने परिवार, टीममेट्स और फैंस को धन्यवाद दिया और करियर की बड़ी उपलब्धियों को याद करते हुए कहा कि यहां वो अपने करियर का अंत करने जा रहे हैं और एक नये अध्याय की शुरुआत करेंगे।

कोच्चि में जन्मे परत्तु रविंद्रन श्रीजेश ने 2006 में 18 साल की उम्र में भारतीय टीम में अपना डेब्यू किया था। हालांकि शुरू में सीनियर गोलकीपरों के कारण श्रीजेश को टीम में अपनी जगह पक्की करने के लिए काफी इंतजार करना पड़ा और अक्सर वो टीम से बाहर होते रहते थे लेकिन एक 2011 के बाद उन्होंने खुद को टीम इंडिया की दीवार के तौर पर स्थापित कर दिया। यहां से श्रीजेश ने ओलंपिक, एशियन गेम्स, कॉमनवेल्थ गेम्स और चैंपियंस ट्रॉफी जैसे इवेंट्स में कई मैच अकेले अपनी गोलकीपिंग के दम पर जिताए या बचाए। यहां तक कि 2014 और 2018 की चैंपियंस ट्रॉफी में उन्हें टूर्नामेंट के बेस्ट गोलकीपर का अवॉर्ड भी मिला।

फिर 2016 में श्रीजेश को भारतीय टीम की कमान संभालने का मौका भी मिला, जहां उनके नेतृत्व में टीम ने क्वार्टर फाइनल तक का सफर तय किया। फिर टोक्यो 2020 में श्रीजेश समेत पूरी टीम ने वो कमाल कर दिखाया जिसका इंतजार इस देश को कई दशकों से था। सेमीफाइनल में हारने के बाद भारतीय टीम ने ब्रॉन्ज मेडल मैच में जर्मनी को हराकर 41 साल बाद मेडल जीत लिया। श्रीजेश ने इसमें अहम भूमिका निभाते हुए आखिरी 5 मिनटों में कई पेनल्टी कॉर्नर और कई शॉट सेव करते हुए टीम को ये यादगार मेडल दिलाया।

इसके अलावा श्रीजेश 2014 और 2022 के एशियन गेम्स का गोल्ड मेडल जीतने वाली टीम का भी हिस्सा थे। वहीं 2014 और 2022 में कॉमनवेल्थ गेम्स में सिल्वर मेडल जीतने वाली टीम का हिस्सा भी श्रीजेश थे। इसके अलावा 2022 में एशियन चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीतने में श्रीजेश की अहम भूमिका था। अब अपने आखिरी ओलंपिक में हिस्सा ले रहे श्रीजेश से एक बार फिर टोक्यो जैसे कमाल की उम्मीद रहेगी, ताकि एक और मेडल के साथ वो भारतीय हॉकी के साथ अपने शानदार सफर का अंत कर सकें।