Friday, 29 March, 2024
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कारोबारी गौतम थापर को ईडी ने किया अरेस्ट, 500 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप

Posted at: Aug 4 2021 8:00PM
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कारोबारी गौतम थापर को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 500 करोड़ रुपये की हेराफेरी के मामले में गिरफ्तार किया है। ईडी का कहना है कि गौतम थापर ने 500 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिग की है, यह रकम उन्होंने कागजी कंपनियों के नाम पर यस बैंक से हासिल की थी। 

इसके बाद उस रकम की कागजी कंपनियों की फर्जी ट्रांजेक्शंस दिखाते हुए मनी लॉन्ड्रिंग की गई थी। पूरे मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि अवंथा ग्रुप के प्रमोटर को मंगलवार शाम को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया। कई घंटों की पूछताछ के बाद एजेंसी ने गौतम थापर को गिरफ्तार किया है। ईडी का कहना है कि वह पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे थे।

गौतम थापर के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय के अलावा ईडी की ओर से भी कई मामलों में जांच की जा रही है। इनमें से एक मामला गौतम थापर की ओर से दिल्ली के अमृता शेरगिल मार्ग पर 1.2 एकड़ के बंगले को 40 करोड़ रुपये में यस बैंक के फाउंडर राना कपूर को बेचे जाने का है। 

एजेंसिया का कहना है कि उन्होंने मार्केट वैल्यू से आधे रेट में ही बंगला बेच दिया था। ऐसा उन्होंने यस बैंक से हासिल किए गए 1,900 करोड़ रुपये के लोन के बदले में किया गया था। यही नहीं इस बंगले की बिक्री में 307 करोड़ रुपये की घूस दिए जाने का भी आरोप है।

सीबीआई ने दर्ज किए हैं फ्रॉड के दो केस, एसबीआई को भी लगाया चूना

सीबीआई ने इस साल जून में ही गौतम थापर के खिलाफ बैंक फ्रॉड के दो केस दर्ज किए थे। एक केस उनके खिलाफ यस बैंक से 466 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का है। इसके अलावा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की लीडरशिप वाले कंसोर्टियम से भी 2,435 करोड़ रुपये की ठगी का केस उन पर दर्ज किया गया है। 

बुधवार को गिरफ्तार करने के बाद ईडी ने थापर को अदालत में पेश किया। यहां एजेंसी ने बताया कि गौतम थापर ने कागजी कंपनियों ओएस्टर बिल्डवेल प्राइवेट लिमिटेड, जाभुआ पावर लिमिटेड जैसी कंपनियों के नाम पर 500 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग की है।

ईडी ने कोर्ट में बताया, कैसे किया गया 500 करोड़ रुपये का खेल

ईडी ने अदालत में बताया, 'जांच में पता चलता है कि इन कंपनियों की ओर से फर्जी अग्रीमेंट्स दिखाए गए और उसके नाम पर 500 करोड़ रुपये की यस बैंक से ली गई। फिर इस रकम को कई जगहों पर ट्रा्ंसफर कर दिया गया। कुछ दिनों बाद लोन अकाउंट एनपीए में तब्दील हो गया। इस तरह से जनता की बड़ी रकम की लूट की गई है।'