Tuesday, 16 April, 2024
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नागपुर-मुंबई के बीच 350 किमी प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ेगी बुलेट ट्रेन, 750 यात्री कर सकेंगे यात्रा

Posted at: Aug 4 2021 12:04AM
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नागपुर: वर्ष 2019 में प्रस्तावित देश के 6 नए हाईस्पीड रेल कॉरिडोर में से एक नागपुर-मुंबई हाईस्पीड कॉरिडोर प्रोजेक्ट के लिए हेलिकॉप्टर से हवाई सर्वेक्षण का काम पूरा हो गया है. अब इस सर्वेक्षण में प्राप्त हुए डाटा का विश्लेषण का काम चल रहा है. इस प्रोजेक्ट की विस्तृत प्रकल्प रिपोर्ट यानी डीपीआर बनाने के लिए आगामी दिनों अन्य प्रकार के सर्वेक्षण भी किए जाएंगे. इसके बाद तैयार होने वाले डीपीआर को मंजूरी के लिए रेल मंत्रालय में भेजा जाएगा. 

डीपीआर को मंजूरी मिलने के बाद ही अहमदाबाद-मुंबई हाईस्पीड रेल कॉरिडोर की तरह इस प्रोजेक्ट को भी हरी झंडी मिलेगी और जमीनी स्तर पर निर्माण कार्य शुरू होगा. ज्ञात हो कि नेशनल हाईस्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) ने नागपुर-मुंबई हाईस्पीड रेल कॉरिडोर प्रोजेक्ट का डीपीआर बनाने की दृष्टि से रेल लाइन के फाइनल अलाइंमेंट डिजाइन और प्राइमरी रूट मैप तैयार करने के लिए हवाई सर्वेक्षण (लीडार सर्वे) करने का निर्णय लिया. इसके लिए सितंबर 2020 में निविदा मंगाई गई थी.

इसमें सिकॉन और हेलिका इस ज्वाइंट वेंचर कंपनी को हवाई लीडार सर्वेक्षण का काम सौंपा गया. इस कंपनी ने 12 मार्च 2021 को यह काम शुरू किया. इसके तहत हेलिकॉप्टर पर अत्याधुनिक लीडार और इमेजनरी सेंसर लगाकर मुंबई से नागपुर तक के मार्ग पर सर्वेक्षण किया गया. इस काम के लिए 150 दिन का समय दिया गया था. अब यह काम पूरा हो गया है और इस हवाई सर्वेक्षण से प्राप्त डाटा के विश्लेषण के काम में एनएचएसआरसीएल जुट गया है.

741 किलोमीटर क्षेत्र में प्रस्तावित नागपुर-मुंबई हाईस्पीड रेल कॉरिडोर में प्रस्तावित स्टेशनों में नागपुर, खापरी डिपो, वर्धा, पुलगांव, कारंजालाड, मालेगांव, जहांगीर, मेहकर, जालना, औरंगाबाद, शिरडी, नाशिक, ईगतपुरी और शाहपुर का समावेश है. इस कॉरिडोर में बुलेट ट्रेन अधिकतम 350 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी. ट्रेन में 750 यात्री सफर कर सकेंगे.

नागपुर-मुंबई हाईस्पीड रेल कॉरिडोर प्रोजेक्ट के डीपीआर के लिए हवाई (लीडार) सर्वेक्षण का काम पूरा हो गया है. डाटा एनेलिसिस जारी है. अब राइडरशिप सर्वे, एन्वायरोन्मेंटल इम्पैक्ट एवं सोशल इम्पैक्ट सर्वे सहित ऐसे अन्य कुछ सर्वे होंगे. इसके बाद डीपीआर तैयार होकर इसे मंजूरी के लिए रेल मंत्रालय को सौंपा जाएगा.