देश
Posted at: Apr 23 2021 2:08PM
नई दिल्ली। अस्सी और नब्बे के दशक में के लिए देश-विदेश में सुर्खियां बटोरने वाला इलाका और खासकर असम एक बार फिर उग्रवाद के चलते सुर्खियों में है. इलाके के उग्रवादी संगठनों ने अब तेल और गैस कंपनियों को निशाना बनाना शुरू किया है. कुछ महीने पहले अरुणाचल प्रदेश में एक तेल कंपनी के दो कर्मचारियों का अपहरण किया गया था जिनको करीब चार महीने बाद संभवतः फिरौती मिलने के बाद छोड़ा गया था. अब यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम के स्वाधीन गुट यानी उल्फा (आई) ने असम के शिवसागर जिले से तेल व प्राकृतिक गैस कंपनी (ओएनजीसी) के तीन कर्मचारियों का बंदूक की नोक पर अपहरण कर लिया है.
उनकी तलाश में असम और नागालैंड के सीमावर्ती इलाकों में बड़े पैमाने पर अभियान चलाया जा रहा है. मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने स्थिति की समीक्षा कर पुलिस और सुरक्षा एजंसियों को उन कर्मचारियों को शीघ्र अपहर्ताओं के चंगुल से छुड़ाने के निर्देश दिए हैं लेकिन अब तक उनका कोई सुराग नहीं मिल सका है. अपहर्ताओं ने भी अब तक सरकार, कंपनी या अपहृत लोगों के परिजनों से फिरौती को लेकर कोई संपर्क नहीं किया है. हालांकि किसी गुट ने अब तक इस अपहरण की जिम्मेदारी नहीं ली है. लेकिन सुरक्षा एजंसियों का कहना है कि यह परेश बरूआ के नेतृत्व वाले उल्फा (आई) का ही काम है.