Friday, 19 April, 2024
dabang dunia

देश

NIA ने लश्कर-ए-मुस्तफा साजिश मामले में 6 आतंकियों के खिलाफ चार्जशीट की दाखिल

Posted at: Aug 5 2021 9:28PM
thumb

नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बुधवार को कहा कि उसने लश्कर-ए-मुस्तफा (LEM) साजिश मामले की जांच के सिलसिले में छह आतंकवादियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है। जैश-ए-मोहम्मद के इशारे पर काम करने वाले लश्कर-ए-मुस्तफा (LEM) द्वारा साजिश से संबंधित मामला शुरू में गंग्याल पुलिस स्टेशन, जिला जम्मू की प्राथमिकी संख्या 16/2021 के रूप में दर्ज किया गया था। एक जांच से पता चला कि आरोपी हिदायतुल्ला मलिक आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-मुस्तफा का कमांडर-इन-चीफ था और वह अपने सह-साजिशकर्ताओं के साथ देश के विभिन्न हिस्सों में आतंकवादी कृत्यों की योजना बना रहा था। नवगठित आतंकी संगठन, लश्कर-ए-मुस्तफा, प्रतिबंधित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का एक ऑफ-शूट है। एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा कि आतंकवाद विरोधी जांच एजेंसी ने हिदायत उल्लाह मलिक, बसीरत-उल-ऐन और मुदाबीर मंजूर, जम्मू-कश्मीर के शोपियां के सभी निवासी, जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग के निवासी जान मोहम्मद तेली, मुस्ताक आलम, बिहार के छपरा निवासी और उसका भाई जावेद आलम के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है।
 
यह मामला मूल रूप से इस साल 6 फरवरी को दर्ज किया गया था, जो फ्रंटल आतंकी संगठन एलईएम और उसके प्रमुख मलिक की साजिश से संबंधित था, जिन्होंने पाकिस्तान स्थित प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के इशारे पर मार्च और अन्य जगहों पर जम्मू क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के कार्यालय को भी रेकॉर्ड किया था।
 
एनआईए ने दो मार्च को जांच अपने हाथ में ली थी। अधिकारी ने कहा कि जांच से पता चला है कि मलिक एलईएम का कमांडर-इन-चीफ था और वह अपने सह-साजिशकर्ताओं के साथ मिलकर भारत के विभिन्न हिस्सों में आतंकवादी कृत्यों की योजना बना रहा था।
 
14 फरवरी, 2019 को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमले के बाद सुरक्षा बलों की जांच से बचने और जैश पर अंतर्राष्ट्रीय दबाव को कम करने के लिए नव-निर्मित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का एक ऑफ-शूट है और इसे चतुराई से बनाया गया था। जांच से पता चला है कि मलिक के नेतृत्व में आरोपी व्यक्तियों ने नवंबर 2020 में शोपियां में जम्मू-कश्मीर बैंक की मुख्य शाखा में 60 लाख रुपये की दिनदहाड़े बैंक डकैती भी की थी।
 
अधिकारी ने कहा, लूटे गए पैसे का इस्तेमाल एलईएम के आतंकवादियों ने कश्मीर और बिहार से हथियार खरीदने के लिए किया था। अधिकारी ने कहा, मलिक ने जम्मू और दिल्ली में कई सुरक्षा प्रतिष्ठानों की भी टोह ली थी और वह पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद के अपने आकाओं के लगातार संपर्क में था।