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Posted at: May 13 2024 1:29PM

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय वर्ष 2024 के लोकसभा चुनावों में हर चरण के मतदान के बाद सभी मतदान केंद्रों पर दर्ज मतों का लेखा-जोखा तत्काल अपने बेवसाइट पर अपलोड करने का चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दिपांकर दत्ता की पीठ ने एनजीओ एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की ओर से पेश अधिवक्ता प्रशांत भूषण के इस संबंध में 'विशेष उल्लेख' के दौरान तत्काल सुनवाई करने का सोमवार को अनुरोध करने पर सहमति जताई और कहा कि इस मामले 17 मई को विचार किया जाएगा।
एडीआर की याचिका में प्रत्येक चरण के मतदान के बाद फॉर्म 17 सी. भाग-एक में दर्ज किए गए मतों की संख्या के पूर्ण आंकड़ों में सारणीबद्ध मतदान केंद्र-वार आंकड़े प्रदान करने का निर्देश चुनाव आयोग को देने की गुहार लगाई गई है। याचिका में फॉर्म 17सी. भाग-दो की स्कैन की गई सुपाठ्य प्रतियों को चुनाव आयोग की वेबसाइट पर अपलोड करने का भी अनुरोध किया गया, जिसमें 2024 के लोकसभा चुनावों के परिणामों के संकलन के बाद गिनती करने के उम्मीदवार-वार परिणाम शामिल थे। एनजीओ ने अपनी याचिका में दलील दी कि जब तक सटीक आंकड़े सार्वजनिक नहीं किए जाते, प्रतिशत में दिए गए आंकड़े मतदाता के लिए अर्थहीन हैं।
याचिका में कहा गया है कि अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस ने छह मई 2024 को चुनाव आयोग को एक पत्र लिखकर प्रत्येक संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में मतदाताओं की कुल संख्या, मतदाता सूचियों में दर्ज मतदाताओं की कुल संख्या और तदनुसार मतदाताओं की संख्या प्रकाशित करने का अनुरोध किया था।
इसी प्रकार से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी अन्य राजनीतिक दलों को पत्र लिखकर मतदान प्रतिशत में वृद्धि और डाले गए मतों की संख्या का खुलासा न करने पर सवाल उठाया है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने भी तीन मई को चुनाव आयोग को एक पत्र लिखकर मतदान के आंकड़े जारी करने में देरी और विसंगतियों पर चिंता जताई थी।नोटा का टेबल