बिज़नेस
Posted at: May 24 2023 12:54PM
बीते कैलेंडर ईयर यानी 2022 में भारत का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) पहली बार 3.5 लाख करोड़ डॉलर (350 लाख करोड़) से ऊपर निकल गया। ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज ने मंगलवार को कहा कि भारत अगले कुछ सालों में सबसे तेजी से बढ़ने वाली जी-20 अर्थव्यवस्था होगी। लेकिन इसके लिए कुछ सुधारों की जरूरत होगी। वर्ल्ड बैंक के मुताबिक 2021 में भारतीय GDP 3.18 लाख करोड़ डॉलर यानी 263.50 लाख करोड़ रुपए की थी।
बहरहाल, मूडीज ने एक रिसर्च रिपोर्ट में कहा कि ब्यूरोक्रेसी विभिन्न लाइसेंस लेने और बिजनेस स्थापित करने की प्रक्रिया धीमी कर सकती है। इसे प्रोजेक्ट की अवधि और लागत बढ़ा सकती है। मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने कहा, ‘निर्णय लेने में लेट लतीफी की वजह से भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की रफ्तार कम कर देगी। खास तौर तब, जब एशिया-प्रशांत की अन्य विकासशील अर्थव्यवस्थाओं, मसलन इंडोनेशिया और वियतनाम के साथ भारत तगड़ी प्रतिस्पर्धा में है।’
मूडीज के मुताबिक, भारत में बड़ी और पढ़ी लिखी वर्कफोर्स है। ऐसे में छोटे परिवार बढ़ेंगे। साथ ही तेज शहरीकरण से घर, सीमेंट और कार की डिमांड बढ़ेगी। मूडीज के मुताबिक, भारत में इन्फ्रास्ट्रक्चर पर सरकारी खर्च स्टील और सीमेंट सेक्टर्स के लिए मददगार होगा, जबकि नेट-जीरो एमिशन हासिल करने की चाहत अक्षय ऊर्जा में निवेश को बढ़ावा देगी। मूडीज ने ये भी कहा कि इन सेक्टरों में भारत की क्षमता 2030 तक चीन से कम रहेगी।
GDP इकोनॉमी की हेल्थ को ट्रैक करने के लिए उपयोग किए जाने वाले सबसे कॉमन इंडिकेटर्स में से एक है। GDP देश के भीतर एक स्पेसिफिक टाइम पीरियड में प्रोड्यूस सभी गुड्स और सर्विस की वैल्यू को रिप्रजेंट करती है। इसमें देश की सीमा के अंदर रहकर जो विदेशी कंपनियां प्रोडक्शन करती हैं, उन्हें भी शामिल किया जाता है। जब इकोनॉमी हेल्दी होती है, तो आमतौर पर बेरोजगारी का लेवल कम होता है।