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इंडिया के मुकाबले चीन को फिर से तवज्जो दे रहे Global Investors, जानें क्‍या है व‍जह

Posted at: Nov 27 2021 2:35PM
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नई दिल्‍ली। एकबार फिर से निवेशकों की निगाहें चीन की तरफ आकर्षित हुई हैं। ग्लोबल इन्वेस्टर्स भारत की जगह फिर से चीन में निवेश करने को लेकर इच्छुक दिख रहे हैं। कोरोना काल में पिछले एक साल से यह ट्रेंड देखा जा रहा था कि निवेशक भारतीय बाजार के प्रति ज्यादा आकर्षित हो रहे थे। पिछले दिनों ग्लोबल रेटिंग फर्म्स ने इंडियन स्टॉक मार्केट की रेटिंग को डाउनग्रेड किया था। अब ब्लैकरॉक इंक ने चाइनीज स्टॉक मार्केट की रेटिंग को अपग्रेड किया है। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि चाइनीज मार्केट में निवेश का यह सही समय है। इन्वेस्टमेंट फंड ने भारतीय स्टॉक बाजार में निवेश को घटाने की सलाह दी है।

बता दें कि गोल्डमैन सैक्श और नोमुरा होल्डिंग्स, दोनों फर्म्स ने भारतीय स्टॉक बाजार की रेटिंग को डाउनग्रेड किया है। गोल्डमैन सैक्श ने तो चाइनीज बाजार को अपग्रेड किया है। रेटिंग एजेंसियां वैल्युएशन के आधार पर किसी भी बाजार का आकलन कर रही हैं। पिछले दिनों चाइनीज बाजार में रेग्युलेशन संबंधी परेशानियों के कारण निवेशकों का भरोसा डगमगाया था। इसके बाद अब वहां का बाजार सस्ता हो गया है। ऐसे में निवेशकों के लिए यह सुनहरा मौका है। रेग्युलेटर परेशानियों के कारण पिछले कुछ समय से चाइनीज बाजार में अच्छा खासा करेक्शन आया है। इसके कारण वहां के बाजार की वैल्यु में 1।5 ट्रिलियन डॉलर की गिरावट दर्ज की गई। हालांकि, एक्सपर्ट्स ये भी कह रहे हैं कि चीन में प्रॉपर्टी क्राइसिस बरकरार है। ऐसे में वहां के बाजार के प्रति उदार रुख अपनाना एक साहसिक फैसला होगा।
 
दुनिया के सबसे बड़े असेट मैनेजर BlackRock का मानना है कि कोरोना संकट के बीच चीन की मॉनिटरी पॉलिसी साल 2022 में भी उदार रहेगी। इसके अलावा चीन में विकास की रफ्तार भी उम्मीद से बेहतर होगी। इस कंपनी ने भारतीय बाजार में अपने निवेश में प्रॉफिट बुकिंग की है। इसके अलावा चाइनीज बाजार में निवेश को बढ़ाया है। भारतीय बाजार की बात करें तो मार्च 2020 के मुकाबले यह दोगुना तक पहुंचा। इसके अलावा रिटेल इन्वेस्टर्स की भागीदारी बढ़ने और इंट्रेस्ट रेट काफी कम रहने के कारण बाजार में बूम दिखा। हालांकि, पिछले कुछ सप्ताह में इस तेजी पर विराम लगा है। बढ़ती महंगाई पूरी दुनिया के सामने एक बड़ी समस्या है। महंगाई बढ़ने के कारण दुनिया के सबसे बड़े तेल आयातक देश की समस्या बढ़ गई है। सितंबर तिमाही में विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार से 1।3 बिलियन डॉलर का फंड निकाला है। 2021 के पहले नौ महीने में विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार में 8।5 बिलियन डॉलर का फंड जमा किया है।