Wednesday, 08 May, 2024
dabang dunia

समाचार

9 साल बाद सऊदी अरब के मक्का पहुंचे ईरान के मुसलमान, जानें किस बात पर थी रोक

Posted at: Apr 23 2024 6:11PM
thumb

नई दिल्ली। नौ सालों में ऐसा पहली बार हो रहा है कि ईरान के मुसलमान उमराह के लिए सऊदी अरब पहुंच रहे हैं। सोमवार को ईरान की आधिकारिक न्यूज एजेंसी ने खबर दी कि ईरानी मुसलमानों का पहला जत्था उमराह के लिए सऊदी रवाना हो गया है। यह संकेत है कि इजरायल और ईरान में चल रहे तनाव के बीच सऊदी से ईरान के रिश्तों में सुधार आ रहा है।

ईरान की मीडिया ने पिछले साल दिसंबर के महीने में जानकारी दी थी कि सऊदी अरब ने उमराह करने के इच्छुक ईरानियों पर से प्रतिबंध हटा दिया है। लेकिन सोमवार से पहले कोई भी ईरानी उमराह के लिए नहीं जा पाया था। ईरान का कहना था कि 'तकनीकी समस्याओं' के कारण उड़ानों में देरी हो रही है।

उमराह पर पाबंदी हटने के बाद ईरान के 85 मुसलमान सऊदी अरब रवाना हुए हैं। सोमवार को जब वो तेहरान के मुख्य हवाई अड्डे से सऊदी रवाना हो रहे थे तब ईरान में सऊदी राजदूत अब्दुल्ला बिन सऊद अल-अन्जी भी वहां मौजूद थे। सऊदी और ईरान के रिश्ते सामान्य करने में चीन का बड़ा हाथ रहा है। मार्च 2023 में चीन की मध्यस्थता में हुए एक समझौते के तहत दोनों देशों ने अपने राजनयिक रिश्ते बहाल किए हैं। 

साल 2016 में सऊदी अरब ने एक शिया मौलवी को फांसी दे दी थी जिसे लेकर शिया बहुल ईरान बेहद नाराज हुआ था और वहां के लोग सऊदी के खिलाफ सड़कों पर उतर आए थे। प्रदर्शनकारियों ने राजधानी तेहरान में सऊदी दूतावास पर हमला कर दिया था जिसके बाद से ही दोनों देशों ने राजनयिक संबंध तोड़ लिए थे।

हालांकि, जब संबंध खराब थे तब भी ईरान के मुसलमानों को हज के लिए सऊदी अरब के मक्का शहर आने की अनुमति थी। हज मुसलमानों के लिए अनिवार्य माना जाने वाला एक धार्मिक कर्तव्य है जिसे जीवन में एक बार जरूर किया जाना चाहिए। उमराह जहां सालभर होता है, वहीं हज साल के एक निश्चित समय में होता है। हज के लिए हर देश का एक वार्षिक कोटा निर्धारित होता है। उमराह कभी भी किया जा सकता है और इस्लाम में मुसलमानों के लिए इसे अनिवार्य नहीं माना गया है।